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शेयर बाजार मे सफल निवेशक कैसे बने



दुनिया में हर कोई निवेशक है कोई पैसा निवेश करता है और कोई समय निवेश करता है। शेयर मार्केट मे सफल निवेशक बनने के लिए आगे पढ़े -

निवेश प्रारंभ करना - निवेश का एक बेसिक नियम यह है कि आपको हमेशा मार्केट के विपरीत काम करना है अर्थात जब सब लोग मार्केट मे शेयर बेच रहे हो तब आप शेयर खरीदिये और जब सब लोग मार्केट मे शेयर खरीद रहे हो तो आप शेयर बेच कर अपना मुनाफा कमाइये। मार्केट में जब भी हम सट्टा लगाते हैं तो हमारे नुकसान के चांस बहुत बढ़ जाते हैं और बजाय हम एक सोच समझकर रिसर्च बेस्ट इन्वेस्टमेंट किया जाए तो हम तो एक अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद कर सकते हैं । निवेश करने से पहले निम्न बातो का ध्यान रखे -

1. जब भी आप किसी कंपनी में निवेश कर रहे हो तो यह मानिये कि आप उस कंपनी को खरीद रहे हैं कंपनी को खरीदने के लिए आपको उस कंपनी की पूरी जानकारी होनी चाहिए। 

2. जब भी आप कोई कंपनी में निवेश करें तो एक मार्जिन आफ सेफ्टी का बना ले कि हमें कितना इस कंपनी में निवेश करने से कितना नुकसान हो सकता है। 

3. अगर मोटा लाभ लेना हो तो लम्बे समय के निवेशक बने। 

पैसा निवेश करे - आप को मार्केट में तभी निवेश करना चाहिए जब आपके पास अपने खर्चे करने के बाद पैसे बचे हो और जिनकी आपको निकट भविष्य मे आवश्यकता न हो। आप अपनी आय का 10 पर्सेंट ही मार्केट में निवेश करें। अगर आप अपने पूरी आय मार्केट में लगाना चाहते हैं तो उससे पहले अपने साल भर के खर्चे के बराबर का पैसा कहीं सुरक्षित रख लेना चाहिए। 

अच्छी कंपनी चुने - एक कंपनी मे निम्नलिखित गुण होने चाहिए-
कंपनी बड़ी हो, कंपनी के प्रोडक्ट आपके द्वारा इस्तेमाल किए हुए हैं और आगे भी आप इस्तेमाल करेंगे। कंपनी में संपत्ति उसके दायित्व् से ज्यादा होना चाहिए। कंपनी ने पिछले 10 साल से नियमित लाभ कमाया हो, कंपनी ने पिछले 20 साल से नियमित डिविडेंड दिया हो और कंपनी पर लोन नहीं होना चाहिए। 

कंपनी के शेयर की PE Ratio पिछली अर्निंग से 15 गुना से ज्यादा ना हो। Price to Assets Ratio बुक वैल्यू से 5 गुना ज्यादा ना हो। 

कंपनी का मैनेजमेंट जानकर ही उसमें पैसा लगाएं फेक न्यूज़ से दूर रहें एक्सपर्ट पर भी आंख बंद कर कर भरोसा ना करें। कंपनी में तभी निवेश करना चाहिए जब महंगाई मिड रेंज में हो ना बहुत ज्यादा हो और ना बहुत ज्यादा कम।

सफल निवेशक -लेखक के अनुसार सफल निवेशक को मार्केट के विपरीत जाना चाहिए । ऐसी कंपनियों को चुनना चाहिए जो बड़ी तो हो लेकिन पॉपुलर ना हो। आपका ध्यान ऐसे शेयर पर होना चाहिए जो अपने इंट्रिसिक वैल्यू से कम पर मिल रहे हो लेकिन उसका व्यापार मजबूत हो। एक सफल निवेशक में इन गुणों का होना आवश्यक है-

आपके अंदर पैशन होना चाहिए। 
आपके अंदर अनुशाशन होना चाहिए। 
आपको हमेशा सीखने के लिए जागरूक रहना चाहिए। 

निवेशक निम्नलिखित तरह के होते हैं 
पहला सक्रिय निवेशक जो हर घंटे में अपना लाभ चेक करते रहते हैं। इस तरह के निवेशक यह सोचते हैं कि हम जितना ज्यादा रिस्क लेंगे इतना ज्यादा कमाएंगे इसीलिए वह ऐसे शेयर में निवेश करता है जो जल्द से जल्द हाई रिटर्न दे इसके लिए वह कंपनी पर ध्यान नहीं देते है 

दूसरा निष्क्रिय निवेशक जो कंपनी के शेयरो में पैसा लगाकर उसे ऑटोपायलट मोड पर फुर्सत छोड़ देते हैं लेखक ने दूसरे के निवेशक को बेहतर माना है। इस तरह के निवेशक संभल कर निवेश करता है वह देखता है कि कम लाभ मिले लेकिन सुरक्षित मिले। लंबे समय मे इस तरह के निवेशक ज्यादा लाभ कमाते हैं। 

शॉर्ट टर्म निवेशक सट्टा लगाते हैं जबकि लॉन्ग टर्म निवेशक वस्तविक इन्वेस्टर होते हैं। 

इनके अलावा अन्य निवेशक एंटरप्राइजिंग निवेशक भी होते है जो रिसर्च बेस्ड निवेश करते है, बाजार को समय देते है। 

कहाँ पर निवेश करे - आप अपने सभी अंडों को एक बास्केट में न रखे। लेखक के अनुसार आपका कुछ पैसा शेयर मार्केट में कुछ पैसा बॉण्ड में और कुछ पैसा फिक्स डिपॉजिट में लगाना चाहिए। इसके लिए आपको अपनी उम्र के हिसाब से जोखिम लेना चाहिए। आप अपनी उम्र को 100 से घटाइए उसके बाद जो बचें उतना प्रतिशत पैसा शेयर में लगाना चाहिए बाकी प्रतिशत पैसे को बांड और फिक्स डिपॉजिट में लगाना चाहिए। 

एक आदर्श निवेशक को अपना 50% पैसा बॉण्ड में और 50% पैसा शेयर मार्केट में लगाना चाहिए इसको नियमित अंतराल पर चेक करते रहें और इस अनुपात को बनाए रखें। 

इस अनुपात को आपको रोज वह चेक नहीं करना है बल्कि साल में कोई एक दिन निश्चित लें जिस दिन आप इस अनुपात को चेक कर ले। 

वैसे कहा जाता है कि अपने सभी अंडे को एक बकेट में नहीं रखना चाहिए लेकिन शेयर के मामले में लेखक ने कहा है आप को कम से कम शेयरों में निवेश करना चाहिए। मार्केट के उतार-चढ़ाव से विचलित ना हो। 

निवेश की सावधानिया - निवेश करते समय उतावला पन खत्म कर दें। ज्यादा लाभ के चक्कर में सट्टा ना लगाए नहीं तो हमारा मूल पैसा भी खोने की संभावना रहती है। एक समझदार निवेशक को बीते हुए समय के अनुसार निवेश नहीं करना चाहिए बल्कि कंपनी की आगामी लाभ की ही स्थिति को देखते हुए निवेश करना चाहिए। 
कुछ लोग शेयर मार्केट से भावनात्मक लगाव रखते हैं हमें शेयर मार्केट से भावनात्मक लगाव नहीं रखना चाहिए अगर शेयर गिर रहा हो तो उसमें प्रॉफिट बुक कर के निकल जाना चाहिए। निवेश मे देरी नही करनी चाहिये, जितनी जल्दी हो सके निवेश शुरू कर दें। उस कंपनी में कभी निवेश ना करें जो पिछले कई सालों से घाटे में चल रही हो। पेनी स्टॉक में पैसा न लगाएं। 

इंट्राडे ट्रेडिंग ना करें , सभी आईपीओ में इन्वेस्ट ना करें जो शेयर गिर रहे हो उनको ना खरीदें। लेखक ने कहा है कि डिफेंसिव होने से बेहतर है कि एक प्लानिंग के साथ खतरा मोल लिया जाए। 

शेयर मार्केट के उतार चढ़ाव के कारण - शेयर बाजार का प्रदर्शन इन चीजों पर निर्भर करता है 
1. कंपनियों का वास्तविक विकास में वृद्धि 
2. मुद्रास्फीति की वृद्धि
3. सट्टा के द्वारा वृद्धि या गिरावट

मान लीजिए मार्केट एक व्यक्ति हैं मिस्टर मार्केट रोज आपके घर आते हैं और आपको ऑफर देते है। मिस्टर मार्केट एक भावुक प्राणी है कई बार वो आपको अपना बिजनेस सस्ते में दे देंगे और कई बार गुस्सा होने के कारण बहुत महंगे में देंगे लेकिन मिस्टर मार्केट आपसे कभी जबरदस्ती नहीं करते आप लेना चाहे तो ले नहीं ना लेना चाहे तो ना ले। 

निवेश के अन्य विकल्प - रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट मे निवेश कर सकते इसमें महंगाई को बीट करने की क्षमता है। 

अगर आप शेयर के गिरने से डर जाते हैं तो आप इंडेक्स फंड में पैसा लगाएं इंडेक्स फंड टॉप शेयर मार्केट का फंड होता है। 

 इसके अलावा आप म्यूचल फंड में भी निवेश कर सकते हैं म्यूच्यूअल फंड विशेषज्ञ लोगों द्वारा बनाया गया शेयरों का पोर्टफोलियो होता है। 

फाइनेंशियल एडवाइजर -  आपको अपने शेयरों को खुद खरीदी बेची करनी चाहिए। फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह न लें क्योकि यह लोग पहले अपना फायदा लेते हैं बाद में दूसरों का। 

लेकिन अगर आप शेयर मार्केट को समय नहीं दे पाते हैं तब ही किसी फाइनेंसियल एडवाइजर बाजार की सलाह ले। इसके लिए आपको अपने फाइनेंसियल एडवाइजर की पूरी जांच पड़ताल करनी चाहिए क्या वह रेजिस्टर है, उसके पास कितने क्लाइंट है, उसके बारे मे उसके क्लाइंट की क्या राय है, उसकी शिक्षा कितनी है इत्यादि। 

इसी तरह फाइनेंसियल एडवाइजर भी आप से सवाल जवाब का सकता है जैसे कि आप के वित्तीय गोल क्या हैं, आपने इससे पहले कितने फाइनेंसर एडवाइजर्स के साथ काम किया है, आप कितना इन्वेस्टमेंट करेंगे इत्यादि।