Recents in Beach

पति और पत्नी के संबंधों मे तनाव को कैसे दूर करे

हमारे समाज मे पति और पत्नी का संबंध सात जन्मो का माना जाता है लेकिन वर्तमान समय मे ज्यादातर घर मे पति और पत्नी के बीच मे तनाव होना आम बात है। आखिर समय के साथ पति पत्नी का प्यार कहाँ खो जाता है । पुरुष और स्त्री दोनों का स्वभाव एक दूसरे के विपरीत है। लेकिन जब पुरुष और स्त्री आपस मे सामंजस बैठा लेते है तो उनमे प्रेम उत्पन्न होता है। जो उनके जीवन को सुखमय बना देता है। आइये पति और पत्नी के संबंधों मे आये तनाव और उनके समाधान के बारे मे बात करते है। 

चिंता या समस्या - पुरुष और स्त्री दोनों का समस्या को लेकर स्वभाव एक दूसरे के विपरीत है। समस्या में होने के बाद जहाँ पुरुष अपनी समस्या को किसी को भी बताना नहीं चाहता और एकांत मे रहना पसंद करता है। वही महिला अपनी चिंता मे सभी को शामिल कर लेती है। 

पुरुष हमेशा रिजल्ट पर विश्वास करते हैं वह हमेशा चुनौतियों का सामना करते हैं वह अपने आप को विजेता घोषित करने की कोशिश करते हैं पुरुष अपने टार्गेट और गोल पुरा करने के लिए बहुत मेहनत करते है और जब उन्हे सफलता मिलती है इससे उन्हें बहुत खुशी मिलती है। पुरुषो को समस्या का हल करना बहुत अच्छा लगता है। इसीलिए जब कोई उनके पास समस्या लेकर आता है तो वह उनका समाधान बताने लगते हैं। इससे उन्हे बहुत खुशी मिलती है। लेकिन अंत मे जब पुरुष समस्या का समाधान नहीं कर पाता है तब वह अपने सबसे विश्वसनीय व्यक्ति से उस समस्या का समाधान पता करता है। 

जब पुरुष चिंता में होता है तब वह चुपचाप एकांत मे अखबार या मोबाइल लेकर बैठ जाता है  उस समय महिला को लगता है कि पुरुष अब उसकी उपेक्षा कर रहा है। इससे महिला के स्वभाव मे चिड़चिड़ापन आ जाता है। क्योंकि जब महिला शांत और चुप रहती हैं तो वह किसी को इग्नोर कर रही होती हैं वह किसी से नफरत करने वाली होती हैं। दोनों के एकांत वास का अलग अलग मतलब है। यहां महिला को समझना चाहिए की पुरुष जब चिंता में होता है तो एकांत पसंद करता है इसलिए उसे एकांत में छोड़ देना चाहिए इससे पुरुष को लगेगा की वह उसे समझती है।

 इसके विपरीत महिलाएं किसी भी बात को अपने दिल में छुपाए नहीं रखते हैं किसी को अपनी समस्या बता कर वह बहुत खुश होती हैं। जब पुरुष शाम को काम के बाद थक कर घर आता है तब महिला अपने दिनभर हुई समस्या को पुरुष के साथ साझा करती है। समस्या की कई बातो का पुरुष से कोई सीधा संबंध भी नही होता है। उस समय पुरुष परेशान हो जाता है कि इन बातों का मुझसे कोई संबंध नही है, फिर भी यह सब बातें मुझे क्यों सुनाई जा रही हैं इस बात को लेकर पति चिड़चिड़ा हो जाता है। पुरुष को समझना चाहिए की महिला को अपनी चिंता दूर करने का यह तरीका है। वह अपनी बात अपने सबसे भरोसेमंद व्यक्ति से साझा करती हैं। जब महिला अपनी समस्या को सुना देती हैं, उसके बाद वह खुश हो जाती हैं। महिला उनसे अपनी समस्या का हल नहीं चाहती हैं। 

महिलाओं को चाहिए कि जब वह अपनी समस्या को पुरुषों के साथ साझा करें तो उसका समाधान भी साथ के साथ बता दें जिससे पुरुष यह जान आएगा कि महिला उनसे समाधान नहीं चाहती हैं। इसी तरह जब पुरुष कभी समस्या मे हो तो पहले महिला को बता दे कि आज उसे कोई दिक्कत है इसीलिए उसे डिस्टर्ब न करे और ना ही मेरी समस्या का समाधान न बताये इससे मुझे दिक्कत होती है। फिर एकांत वास मे जाए। जिससे महिला को लगेगा कि पुरुष उनकी उपेक्षा नही कर रहा है।

महिलाओं को उन परिस्थितियों की खोज करनी चाहिए जब पुरुष चुप हो जाता है और एकांतवास में चला जाता है। जैसे कि चिंता, समस्या, प्यार मे धोखा। ऐसे में महिलाओं को पुरुषों को छेड़ना नहीं चाहिए। इसी तरह पुरुषों को भी उन परिस्थितियों खोज करनी चाहिए जब महिलाएं बहुत बात करती है। जब महिलाएं बहुत ज्यादा बात कर रही हो तो पुरुषों को शांत स्वभाव से उन बातों को सुनना चाहिए। पुरुषों के विपरीत महिलाएं बोलते हुए सोचती हैं और अपनी समस्या समाधान कर लेती है। 

सलाह देना - अक्सर देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों को सलाह देती रहती हैं क्योकि महिला चाहती हैं कि उसका पति दुनिया में सबसे ज्यादा स्मार्ट और हैंडसम हो। महिलाएं चाहती हैं कि जब भी वह कोई सलाह दें तो पुरुष उनकी बातों को सुने और समझे उस पर अमल करें जबकि पुरुष इस सलाह को अपनी काबिलियत पर सवाल समझ लेंता है। इस समय पुरुष को महिला की सलाह को सिर्फ सुन लेना चाहिए। ऐसी स्थिति इससे महिला को लगेगा की पुरुष उनकी बात सुन रहा है और वह खुश हो जाएंगी। अगर महिला की सलाह अच्छी हो तो उस पर अमल भी किया जा सकता है। महिला को भी चाहिए की हर समय पुरुष को सलाह ना दें और ना ही टोका टाकी करें। क्योकि अक्सर छोटी छोटी बातो से पुराने और मजबूत रिश्ते भी टूट जाते है। 

भाषा और बोली - महिला और पुरुष दोनों की भाषा अलग अलग होती है। जहाँ स्त्री की भाषा अलंकारीक और बनावटी होती है वही पुरुषो की भाषा तथ्यात्मक और सीधी होती है। इस कारण दोनों एक दूसरे की बात समझ नही पाते है। अतः दोनों को एक दूसरे की बातों को नही बल्कि बातों मे छुपे अर्थ को समझना चाहिए। जैसे जब महिला कहती है कि यह घर कबाड़ घर जैसा लग रहा है लेकिन पुरुष को लगता कि महिला उसके उपर घर को गंदा करने का आरोप लगा रही है। जबकि महिला के कहने का मतलब होता है कि वह आज बहुत थक गई है और उसे थोड़ा आराम करना है प्लिज़ घर की सफाई मे मेरी मदद करो। इसके बाद घर मे लडाई शुरू हो जाती है। महिला अंदर ही अंदर घुटने लगती है उसे लगता है उसके कारण ही घर में लड़ाई हुई है। अब वह आगे से अपने पति से कभी मदद नहीं मांगेगी। इस तरह आपने देखा कि बातों का मतलब अलग-अलग आने निकलने से घर में लड़ाई शुरू हो गई है। यहां महिलाओं को यह समझना चाहिए कि पुरुषो को वह बात घुमा कर ना कहें सीधी सीधी बात कहें इससे पुरुषों को उनके मन की बात समझ में आ जाए। 

मदद - अगर आपको अपने साथी से कोई मदद चाहिए तो शर्म न करे बस ध्यान रखे कि सही समय हो, नॉन डिमांडिंग एटीट्यूड हो, संक्षेप और सीधी बात सही शब्दों के साथ सही बात की जाए। 
उम्मीदे - शादी के बाद एक दूसरे से उम्मीदे बढ़ जाती है। दोनों लोग एक दूसरे से वो भी उम्मीदे कर लेते है जो उसके स्वभाव मे भी नही है। इस कारण पति और पत्नी दोनों के बीच दूरिया बढ़ने लगती है। हमे जो जैसा है उसी रूप मे अपनाना चाहिए। उसे बदलने की ज्यादा कोशिश नही करना चाहिए। इसके बाद देखेंगे कि दोनों का प्यार बढ़ गया है। 

एक दूसरे को समझना - जब पुरुषो को लगता है की किसी को उनकी जरूरत है तब उन्हे शक्ति मिलती है। इससे पुरुष हर वो काम करने को तैयार जाते हैं जिससे वह महिला खुश रहे। इसके विपरीत महिलाएं अपने आप को उस समय शक्तिशाली महसूस करती हैं जब उन्हें लगता है कि पुरुष उनको बहुत प्यार करता है। आपने सुना होगा की समय के साथ दोनों का प्यार कम हो जाता है क्योंकि पुरुष को लगता है कि महिला उनके ऊपर कम आश्रित हो रही है इसके बाद पुरुष अपने आप को कमजोर महसूस करने लगते हैं और कुंठित हो जाता हैं। फिर वह महिला का कोई ख्याल नहीं रखते हैं। वहीं जब महिला को यह आभास हो जाता है कि उन्हें प्रेम नही किया जा रहा है। तो वह अपने आप को कमजोर महसूस करने लगती हैं। इसके बाद वो पुरुषों को कम प्यार करती हैं और अंत में जब दोनों एक दूसरे को प्यार करना बंद कर देते हैं तो उनके संबंध टूट जाते हैं। 

इजहार - समय के साथ स्त्री अपनी उन अदाओ का प्रयोग कम करने लगती हैं जिससे उसने कभी पुरुष को आकर्षित किया था। तब पुरुष को लगता है कि स्त्री अब उससे कम प्यार करने लगी हैं इसके बाद पुरुष, महिला से दूर चले जाते हैं। इसी तरह समय के साथ पुरुष भी स्त्री को रिझाने के लिए जो काम को पहले करता था उसे कम करने लगता है इससे महिला को लगता है कि पुरुष अब उससे प्यार नहीं करते और वह पुरुष से प्रेम कम करना शुरू कर देती है। इसलिए समय समय पर अपने प्यार का इजहार करते रहे। 

स्वतंत्रता - आपसी प्रेम संबंधों को बनाए रखने के लिए दोनों को एक दूसरे की स्वतंत्रता को मानना चाहिए। 

भावनात्मक विभेद - संबंधों में भावनात्मक रूप से दूर होना पुरुष का स्वभाव है पुरुष एक रबड़ बैंड के तरह हैं जैसे जब पुरुष को लगता है कि किसी रिश्ते के कारण उसकी स्वतंत्रता मे कमी आ रही है तो वह एकदम खीच जाता है लेकिन जब उसका एहसास होता है कि नहीं ऐसा नहीं था तो वापस वह अपनी पोजीशन में आ जाता है। इस तरह या क्रम चलता ही रहता है। यहां महिलाओं को चाहिए कि वह पुरुष के पीछे ज्यादा ना भागे उसे छोड़ दें बाद में पुरुष अपनी पोजीशन में वापस आ जायेगा। 

महिला समुद्र की लहरों के तरह अपने रिश्तो में उतार चढ़ाव होती रहती हैं। जब महिलाएं प्यार में होती हैं तो उस समय वह लहरों की चढ़ाव पर होती हैं लेकिन जैसे ही उनके मनमुटाव होता है वह बिल्कुल लहरों के उतार वाले हिस्से पर आ जाती हैं पुरुष व्यवहार में इस परिवर्तन को समझ नहीं पाता है। पुरुष को ऐसे समय पर महिला का साथ नहीं छोड़ना चाहिए उन्हें प्यार करते रहना चाहिए। प्यार पाकर महिला फिर से लहरों के चढ़ाव पर आ जाएंगी। 

अपनी गलती को स्वीकार करे -  जब कभी किसी से गलती हो तो तुरंत स्वीकार कर लेना चाहिए। रिश्तों मे कभी अभिमान को बीच मे नही लाना चाहिए और कई बार बिना गलती के भी माफी मांग लेनी चाहिए इससे सामने वाले के मन मे आपके प्रति सम्मान बढ़ जायेगा। 

कभी भी आर्गुमेंट ना करें अगर एक आर्गुमेंट कर रहा है तो उस समय दूसरा बिलकुल शांत रहे उस पर कमेंट न करें। कोशिश करें कि आर्गुमेंट बहुत जल्द खत्म हो जाए। 

पुरुषों को लगता है कि वह महिलाओं को महंगे गिफ्ट देकर रिझा लेंगे जबकि इसके उलट महिला शिर्फ प्यार चाहती हैं उन्हें कोई समझने वाला व्यक्ति चाहिए। 

जब भी कभी एक दूसरे से कोई समस्या हो तो उसे किसी पत्र में लिखें और समस्या के साथ ही उसकी अच्छाई और उसके साथ बिताए गए अच्छे समय को लिखे जो उस समस्या के साथ संबंध रखता हो दूसरे को दे दें इससे आपकी समस्या का हल हो जाएगा।