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पैसा क्या है


फाइनेंस एक अलग विषय हैं यह लोगों के व्यवहार पर आधारित है हर व्यक्ति का फाइनेंस को लेकर व्यवहार अलग अलग होता है  यह लोगों के मनोविज्ञान और इतिहास पर आधारित है। 

दुनिया में कुछ लोगों के पास पैसा है और कुछ लोग अमीर है। अर्थात पैसा होना अमीरी लक्षण नहीं है। पैसा आपको महत्व और शक्ति का पद दे सकता है लेकिन निश्चित रूप से यह आपको सम्मान का पद नहीं दिला सकता। अपने समय को नियंत्रित कर पाना ही अपने धन का सबसे बड़ा लाभांश है। 

हम हर व्यक्ति की अमीरी नहीं देख सकते हैं हम सिर्फ उनके रहन-सहन जैसे कार बंगला आदि पर उनकी अमीरी अनुमान लगाते हैं जबकि हो सकता है कि कोई व्यक्ति बहुत अमीर हो लेकिन वह दिखावे से बचता हो। ज्यादातर अमीर लोग अपने अमीरी को छुपा कर रहते हैं। 

दुनिया में तीन तरह के लोग रहते हैं 
1. पहले वह जो पैसे बचाते हैं 
2. दूसरे वो जो नहीं सोचते कि बचा सकते हैं 
3. तीसरे वह जो नहीं सोच सकते कि उनको बचाने की जरूरत है। 

पैसा कमाना मुश्किल नहीं है बल्कि उसे सहेज कर रख पाना मुश्किल है। धन संपदा उसी के पास रहती है जो उसका आदर करना जानता हो। लोग सिर्फ दिखावे या वाह- वाही में अपना बहुत सारा पैसा खर्च करते हैं पैसे का कोई मोल नहीं समझते बाद में यही पैसा उनको अपना मूल्य बता देता है। पैसे का सम्मान करें और पैसे को फालतू जगह ना खर्च करें। लोग अपना गाढ़ी कमाई का पैसा उन लोगो को दिखाने के लिए फालतू चीजों पर खर्च कर देते हैं जिनको वो बिलकुल पसंद नहीं करते। 

पैसा आपसे वही व्यवहार करता है जो आप पैसे से कहते हैं या पैसे के बारे में सोचते हैं। सुखी बनने के लिए जरूरी है यह जानना कि हमारे लिए कितना धन प्रयाप्त होगा। पैसे ने आज तक कभी किसी को खुश नहीं किया है मनुष्य के पास जितना पैसा होता है वह और उतना ही मांगता है। सामाजिक तुलना एक ऐसी लड़ाई है जो कभी खत्म नहीं हो सकती। इससे बेहतर है कि यह मान लिया जाए कि मेरे पास जो भी है वह पर्याप्त है। 

पैसे के बचत से संबंधित वह 7 स्टेप जो पैसे के महत्व को समझाते हैं

1. धन का निर्माण आपकी आय और निवेश पर आय से कम संबंधित है और आप की बचत दर के साथ बहुत निर्भर है। 

2. पैसा वित्त की तुलना मे, मनोविज्ञान पर ज्यादा निर्भर करता है पैसे का मूल्य आपकी आवश्यकता के अनुसार होता है आपकी पैसे की दक्षता आपके द्वारा अर्जित धन से अधिक महत्वपूर्ण है। 

3. आय के निश्चित स्तर के बाद आपकी जरूरत आपके आत्म मूल्य के बराबर है, आपका पैसा कम होना शुरू हो जाएगा जब आप दूसरों को दिखाने के लिए पैसे खर्च करेंगे। 

4. लोगों की बचत करने की क्षमता उनके नियंत्रण में है कम खर्च कर बचत की जा सकती है। 

5. आपको बचत करने के लिए किसी लक्ष्य की आवश्यकता नहीं है। 

6.अपने समय पर लचीलापन और नियंत्रण धन की एक अनदेखी की वापसी है। 

7. छिपे हुए रिटर्न और उनका महत्व आज के समय में बहुत बढ़ गया है। 

हर व्यक्ति का अनुभव अलग अलग होता है इसी अनुभव के आधार पर उनकी धन संपत्ति से संबंधित मनोविज्ञान भी अलग अलग होता है, जोखिम उठाने और निवेश की क्षमता भी अलग अलग होती है। यह उसकी बुद्धि और शिक्षा पर आधारित नहीं होती है। 

 जीवन में कई बार आपकी योग्यता और निवेश के अलावा आपकी सफलता कई अन्य शक्तियों पर निर्भर करती है। जब आप अपने भाग्य और जोखिम लेने की क्षमता को बराबर को मान देंते है तो आपको पता लगेगा कि वित्तीय सफलता इतनी अच्छी या बुरी नहीं होती जितनी नजर आती है।

आर्थिक मंदी कब आएगी यह कोई नहीं जानता निवेशक और उद्यमी हर वक्त सही फैसले नहीं ले सकते हैं। वारेन बर्फेट ने कहा था कि अगर हम अपने 10 बड़े निवेश को हटा दें तो हमारी निवेश से आय औसत है। पीटर लिंच ने कहा था कि आप 10 में से 6 बार सही हैं तो मतलब आप इस शेयर मार्केट से पैसे कमा सकते हैं। 

 निवेश के 3 नियम निम्नलिखित है

1. अगर मुझे आर्थिक आजादी चाहिए तो जरूरी है कि मैं उससे आर्थिक रूप से अटूट रहूं कंपाउंडिंग के सहारे मैं मार्केट में काफी देर तक टिका रहूं।

2. योजना बनाना महत्वपूर्ण बात है लेकिन योजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा योजना के अनुसार योजना न बना बनाना है । 

3. एक ऐसा व्यक्तित्व जो आपको भविष्य को लेकर आशावादी रखें और पागलपन की हद से उस ऊंचाई तक पहुंचता है। 

उचित बनाम तर्कसंगत - हम केलकुलेटर नहीं हैं कैलकुलेटर को पहले से ज्ञात समस्या के लिए बनाया गया है जबकि मनुष्य हर बार नयी समस्या मे फंस जाता है उस समस्या को देखते हुए मनुष्य कई बार गलत फैसले भी ले सकता , ऐसा अक्सर शेयर मार्केट में होता है शेयर गिर रहा है हो या बढ़ रहा हो हमेशा हमें ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं जिनके भविंष्य बारे में हमें कोई जानकारी नहीं होती।

 ऐसा करोना के समय हुआ जब शेयर मार्केट ऐसे गिरा जैसे कि वह खत्म हो जाएगा उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि कुछ समय बाद शेयर मार्केट फिर बढ़ेगा और नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा।

 ऐसे समय में फैसले बिल्कुल निश्चित और अडिग होने चाहिए। ऐसा जरूरी नहीं है कि आपके द्वारा लिए गए फैसलों में कोई गलती ना हो इसलिए हमेशा हमें हमेशा गलती की गुंजाइश ( मार्जिन ऑफ सैफ्टी) रखनी चाहिए। 

वित्तीय सलाह देना, डॉक्टरी सलाह देने जैसा जटिल है इसके भविष्य के बारे में कोई निश्चित नही हो सकता। शेयर मार्केट में दो अलग मत एक साथ काम करते हैं एक खरीदने वाला होता है तो एक बेचने वाला । 

मनुष्य शुरू से ही निराशावादी रहा है उसका आशावाद पर कम ध्यान जाता है। मनुष्य हमेशा डर से ज्यादा भयभीत रहा है और डर के प्रति ज्यादा ध्यान जाता है।