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शत्रु से बिना लड़े उसे पराजित करे, Chanakya Niti Motivational Video, lifelessonsbyguruji

शत्रु से बिना लड़े उसे पराजित करे, Chanakya Niti Motivational Video, lifelessonsbyguruji


जय श्री कृष्णा, साथियों, आशा है आप सभी कुशल मंगल से होंगे। चाणक्य नीति में आज की वीडियो में हम चर्चा करेंगे कि आचार्य चाणक्य ऐसी कौन सी नीतियां बताई है जिसमे आप दुश्मन को बिना मारे उसे पराजित कर सकते है। इसके लिए आचार्य चाणक्य ने 10 नीतियां बताई है। इसमें 7 ऐसी नीतियां है जिन्हे आपको करना है और 3 ऐसी नीतियां है जिन्हे आपको नही करना है। तो आइए आज की वीडियो पर चर्चा प्रारंभ करते है। 

चाणक्य के अनुसार हमे किसी से बैर भाव या द्वेष नहीं रखना चाहिए क्योंकि बैर भाव या द्वेष  किसी से भी हो हम अपना ही नुकसान करते है। 

आप्तद्वेषाद्भवेनमृत्युः परद्वेषाध्नक्षयः।
राजग्वेषाद्भवेन्नशो ब्रह्मद्वेषात्कुलक्षयः।।

अर्थात जो मनुष्य अपनी ही आत्मा से द्वेष रखता है वह स्व को नष्ट कर लेता है। दूसरो से द्वेष रखने से अपना धन नष्ट होता है। राजा से वैर-भाव रखने से मनुष्य अपना नाश करता है और ब्राह्मणों से द्वेष रखने से कुल का नाश हो जाता है।

इस श्लोक के अनुसार जो व्यक्ति अपनी आत्मा की बात नहीं सुनता वो व्यक्ति अपने को और अपनी कीर्ति दोनो को नष्ट कर लेता है। जो व्यक्ति अन्य दूसरे व्यक्ति से द्वेष रखता है वो अपना धन नष्ट करता है क्योंकि लड़ाई झगड़े और कोर्ट कचहरी में अपना समय और पैसा दोनो व्यय होता है। 

इसी प्रकार जो व्यक्ति अपने राजा या शासन से द्वेष रखता है वो अपना नाश करवा लेता है क्योंकि राजा उस व्यक्ति से बहुत शक्तिशाली होता है। आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी कि जल में रहकर मगर से बैर नहीं लेना चाहिए।

लेकिन सबसे बुरी स्थिति तब होती है जब व्यक्ति ब्राह्मणों या विद्वानों से द्वेष रखता है वो अपने समस्त कुल का नाश करवा देता है। क्योंकि अगर विद्वान से द्वेष रखेगा तो विद्वान उस व्यक्ति और उसके परिवार को अच्छी शिक्षा नहीं देंगे अच्छी शिक्षा न मिलने के कारण उस व्यक्ति के कुल का ही नाश हों जाएगा। इसीलिए किसी से द्वेष या बैर नहीं रखना चाहिए। 

लेकिन कई बार ऐसी परिस्थितियां हो जाती है कि आप किसी से बैर या द्वेष भी रखना नही चाहते फिर भी कुछ लोग आपके शत्रु बन जाता है। इनमे से कुछ शत्रु आपके बहुत करीबी होते है वो आपसे सामने सामने लड़ाई नहीं करते लेकिन मन ही मन आपके प्रति शत्रुता का भाव रखते है इसीलिए व्यक्ति को हमेशा शत्रु के प्रति सजग रहना चाहिए और अपने आपको सीधा और साधारण दिखने से बचना चाहिए

नात्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम् ।
छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः ॥ 

अर्थ:-अपने व्यवहार में बहुत सीधे ना रहे. आप यदि वन जाकर देखते है तो पायेंगे की जो पेड़ सीधे उगे उन्हें काट लिया गया और जो पेड़ आड़े तिरछे है वो खड़े है l

इस श्लोक के अनुसार भले ही आप अंदर से शत्रु की शक्ति और सामर्थ्य देख कर आप डरे हुए हो लेकिन आपको सीधे और डरा हुआ  दिखने से बचना चाहिए। आइए अब चर्चा करते है कि आचार्य चाणक्य ने वह कौन सी नीतियां बताई है जो हमे करनी चाहिए और कौन सी नीतियां हमे नही करनी चाहिएइ इन नीतियों का पालन करके आप शत्रु को बिना मारे उसे पराजित कर सकेंगे इसके अलावा इन नीतियों का पालन कर आप अपनी जिंदगी में सफल हो पाएंगे और अपने सबसे बड़े से बड़े लक्ष्य को भी हासिल कर पाएंगे 



1 हमेशा आत्मविश्वास बनाए रखे  साथियों भले भी आप अंदर से डरे हुए लेकिन  शत्रु के सामने डरा हुआ दिखने से बचना चाहिए। अपने आपको हमेशा आत्म विश्वास से भरा हुआ दिखाने की कोशिश करे। जब शत्रु आपको आत्म विश्वास से भरा हुआ देखेगा तो शत्रु के मन में आपके खिलाफ कोई भी गलत काम करने की हिम्मत नही होगी। आत्मविश्वास से भरे हुए व्यक्ति की जीत होती है। आपने इतिहास में पढ़ा होगा कि सिर्फ आत्म विश्वास के कारण ही कई बार शक्तिशाली शत्रु को भी हरा दिया गया। इसीलिए अपना आत्म विश्वास बनाए रखे।

2 हमेशा मुस्कुराते रहे साथियों हमें चेहरे पर मुस्कान हमेशा रखनी चाहिए आपकी मुस्कान बहुत ताकत है जो बड़े से बड़े दुश्मन को हरा सकते है चाणक्य के अनुसार यदि शत्रु आपको पीड़ा देने की कोशिश कर रहा है तो डरने की बजाय खुश रहने की पूरी कोशिश करें। यह कठिन जरूर है लेकिन यही शत्रु पर सीधा वार करेगा तकलीफों के बाद आपके चेहरे पर मुस्कान देखकर शत्रु अपने आप ईर्ष्या से चलने लगेगा और आपकी हंसी देखकर वह कभी भी हंस नहीं पाएगा यही मुस्कान आपको जीत के सेहरा पहने में मदद करेगी आपकी मुस्कान बहुत ताकत है जो बड़े से बड़े दुश्मन को मार दे सकती है 

3 धैर्य और संयम का पालन करे साथियों धैर्य और संयम रखें शत्रु को हरा देने के लिए हर समय ठंडे दिमाग से विचार करें और फिर निर्णय ले। ऐसे समय में धैर्य और संयम का होना बहुत जरूरी है।  चाणक्य कहते हैं कि धैर्य और संयम ही वे दो स्तंभ है जिन पर आपकी विजय का महल खड़ा होता है बिना धैर्य और संयम के लिया गया कोई भी निर्णय आपको नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए हमेशा शांत मन और स्थिर दिमाग से ही निर्णय ले। 

4 अच्छे लोगो की  संगत बनाए साथियों व्यक्ति अपने परिवार के अलावा अपने दोस्तों और कार्य स्थल पर मौजूद लोगों के साथ सबसे अधिक समय बताता है व्यक्ति को अपनी संगत का विशेष ध्यान रखना चाहिए जो लोग अपने आसपास अच्छे और योग्य लोग रखते हैं उन्हें नुकसान पहुंचाने से पहले शत्रु कई बार विचार करता है यदि संगति बुरे लोगों के साथ होती है तो शत्रु इसका भरपूर लाभ उठाने की कोशिश करता है और मौका पाकर हमला करने से नहीं चूकता। इसी लिए आपको हमेशा इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आप किन लोगों के साथ उठ बैठ रहे हैं संगत का असर व्यक्ति और उसकी सोच पर पड़ता है। शत्रु के मित्र को अपना मित्र बनाने से बचे और उस मित्र पर विशेष ध्यान रखे।

5 व्यक्ति को हमेशा धर्म और सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए आज तक इस दुनिया में सच्चाई को कोई भी नहीं हरा पाया है यदि आप सही रास्ते पर है तो आपके दुश्मन आपको कभी भी नहीं हरा सकते यदि आप गलत रास्ते पर है तो आपके हारने से कोई भी नहीं रोक सकता यही सत्य इसे हमेशा याद रखें। जब आप सत्य और धर्म के साथ खड़े होते है तो भगवान भी लड़ाई में आपका साथ देते है। 

6 अपनी बोली पर नियंत्रण रखें साथियों आपको अपनी वाणी पर खास ध्यान रखना चाहिए कमजोर शत्रु इसका सबसे अधिक लाभ उठाने की कोशिश करता है अगर आपकी वाणी खराब होती है तो आपके संबंध बिगड़ सकते हैं आपके कड़वे बोल से आपके अच्छे दोस्त और रिश्तेदार भी आपसे दूर होने लगते हैं जो लोग कड़वा और तीखा बोलते हैं लोग उनसे दूरी बनाकर रहना पसंद करते हैं इसीलिए किसी से भी बात करते हुए आपको अपनी मधुर वाणी और विनम्रता का इस्तेमाल करना चाहिए आपकी मीठी बोली और सभ्यता से लोग आपकी ओर आकर्षित होते हैं और आपके शत्रु भी आपसे दूर रहने की कोशिश करते हैं।

7 शत्रु पर हमेशा नजर बनाए रखे शत्रु की कमजोरी और शक्ति जानने के लिए हमेशा शत्रु पर नजर बनाए रखे जब दुश्मन आपसे ज्यादा ताकतवर हो तो बिना तैयारी के उसके सामने जाना मूर्खता है कमजोर अवस्था में शत्रु से दो-दो हाथ करने में ही आपकी जीत होगी। इसलिए अगर शत्रु शक्तिशाली हो तो उसके साथ रहकर उसकी कमजोरी का पता लगाए और सही समय का इंतजार करे। इसके लिए आपको शत्रु के साथ रहकर उसकी हर चाल को समझना चाहिए। इससे आप उसे हराने के लिए सही समय और परिस्थिति का चयन कर सकेंगे।

आइए अब हम उन नीतियों पर चर्चा करते है जो हमे नही करने है। 


1 व्यक्ति को बुरी आदतों जैसे नशे की लत से दूर रहना चाहिए जिन लोगों को नशे की लत होती है ऐसे लोग शत्रु द्वारा आसानी से पराजित कर दिए जाते हैं नशे में व्यक्ति अपने बुद्धि और विवेक का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता और ऐसे में वह गलती कर बैठता है जिसका लाभ शत्रु उठा सकता है आपके पास जितनी भी पूरी आदतें हैं उन्हें छोड़ दे नहीं तो आपको इसके चलते एक दिन पराजित होना पड़ सकता है आपने अक्सर सुना होगा कि शत्रुओं ने किसी को मारने से पहले व्यक्ति को शराब पिला कर नशे में किया उसके बाद सबने मिलकर व्यक्ति की हत्या कर दी । इसीलिए नशे से दूर रहे नशे की आदतें व्यक्ति की सोच में समझने की क्षमता को कमजोर कर देती है और यह कमजोरी शत्रु को आपकी हर का अवसर प्रदान करती है इसलिए सदैव अपने आप को पूरी आदतों से दूर रखें और स्वस्थ जीवन शैली अपनाए।


2 अपने अंदर अहंकार की भावना नहीं लानी चाहिए साथियों   मनुष्य के अंदर यदि अहंकार की भावना आ जाती है तो इसका अर्थ कि वह व्यक्ति अपने से ऊपर किसी को नहीं समझता है।   हो सके अपने अंदर कभी भी अहंकार की भावना ना आने दे क्योंकि अहंकार शत्रुओं की संख्या में वृद्धि करता है।

3 गुस्सा में अपना आपा न खोए  यदि कोई आपका अपमान करें तो अपना गुस्सा जाहिर न होने दे बल्कि मौन धारण करें जो व्यक्ति मौन रहकर रणनीति बनाते हैं उसके बारे में जान पाना किसी के लिए भी संभव होता है । इसीलिए गुस्सा ना करे और कही गुस्सा आए तो उसे जाहिर न होने दे। जब भी कभी आपको मौका मिले पूरी शक्ति से अपना बदला ले। जीत आपकी ही होगी।


साथियों अगर आप इन 10 नीतियों को अपने जीवन में शामिल कर लेंगे तो बड़े से बड़ा शत्रु आपका कुछ नही बिगाड़ पाएगा। शत्रु चाहे छुप कर हमला करे या प्रत्यक्ष रूप में सामने आकर आप बड़ी आसानी से उसका सामना कर पाएंगे और उसे आसानी से हरा देंगे। 

साथियों इसी के साथ आज की चर्चा यही समाप्त होती है। चर्चा में सामिल होने के लिए आप सभी साथियों का धन्यवाद। वीडियो को लेकर कोई सलाह या सुझाव हो तो कमेंट अवश्य करे। वीडियो अच्छी लगी हो तो वीडियो लाईक करे। वीडियो को शेयर करे ताकि यह वीडियो किसी जरूरत मंद के काम आ सके।  अगर आप हमारे चैनल पर पहली बार आए है तो हमारे चैनल को subscribe करके हमारे साथ जुड़ जाइए। आज की चर्चा में सामिल होने के लिए आप सभी का धन्यवाद, राधे राधे