Recents in Beach

इन लोगो से दूर रहना चाहिए

जय श्री कृष्णा, साथियों, आशा है आप सभी साथी कुशल मंगल से होंगे। साथियों अपनी जीवन यात्रा में हम हजारों लोगों से मिलते है इनमें से कुछ लोग आपके जीवन को सुख और शांति से भर देते है और कुछ दुख और तकलीफों से इसलिए हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि हमे किन लोगो के साथ रहना चाहिए और किन लोगो से दूर रहना चाहिए  ताकि जीवन में सुख और शांति बनी रहे।  आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में उन लोगो की पहचान बताई है जिनसे हमे दूर रहना चाहिए तो आइए आज की वीडियो में ऐसे व्यक्तियों के बारे में चर्चा करते जिनसे हमे दूर रहना है। 



साथियों इस जीवन यात्रा के हर मोड़ पर कई लोग आपसे मिलते है  आप जहां काम करते हैं और जहां रहते है आपके अपने रिश्तेदार, आपके अपने परिचित आदि सभी जिनसे आपका नाता है इसके अलावा किसी यात्रा या किसी समारोह आदि में भी आपके बहुत से लोगों से मुलाकात होती हैं । इनमे से कुछ लोग  आपकी जिंदगी में थोड़े समय के लिए आते हैं और चले जाते हैं तो कुछ लोग जीवन भर आपका साथ निभाते है। इसमें से  कुछ लोग ऐसे भी होते है जो आपके जीवन को खुशियों से भर देते हैं और कुछ ऐसे लोग आपका सब कुछ लूट कर चले जाते है जिससे हमारा जीवन दुख से भर जाता है। इसीलिए हमे ऐसे की पहचान करके इनसे हमेशा बचकर रहना चाहिए।आचार्य चाणक्य अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में ऐसे लोगों से बचकर रहने की सलाह दी है । आचार्य ने लिखा है

मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टस्त्रीभरणेन च ।
दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति ॥ ०१-०४

अर्थात मूर्ख शिष्य को उपदेश देने से, दुष्ट स्त्री का भरण पोषण करने और साथ रहने से तथा दुखी और नकारात्मक लोगों के साथ से विद्वान् और समझदार व्यक्ति भी दुखी रहने लगता है| इसलिए समझदार व्यक्ति को इन लोगो का साथ हमेशा के लिए  छोड़ देना चाहिए|
 
इस श्लोक के अनुसार एक व्यक्ति को हमेशा बुरे लोगो से दूर रहना चाहिए। क्योंकि इनके साथ रहने से विद्वान व्यक्ति भी दुखी रहने लगता है।  तो आम व्यक्ति तो जीवन ही नर्क के समान हों सकता है।

 इसके लिए सबसे पहले हमे बुरे व्यक्तियों की पहचान करना आवश्यक है तभी तो हम उनसे दूर हो पाएंगे। आज की वीडियो में हम चर्चा करेंगे कि  बुरे व्यक्तियों की पहचान क्या है इनके साथ रहने से हमे क्या नुकसान हो सकता है और हमे कैसे इनसे दूर रहना है। तो आइए  सबसे पहले बात करते है मूर्ख व्यक्ति की  

1  मूर्ख व्यक्ति  चाणक्य नीति के अनुसार अगर आप मूर्ख व्यक्ति से दूर रहेंगे तो सुखी रहेंगे।  मूर्ख व्यक्ति से अभिप्राय अनपढ़ या पागल व्यक्ति से नही है, बल्कि ऐसे व्यक्ति से है जिसे अच्छे बुरे का ध्यान नहीं होता, इन व्यक्तियों को अगर कुछ अच्छा बताया जाता है तो भी ये लोग उसे नही अपनाते है इन्हे लगता है जो ये कर रहे है वही सही है चाहे  उससे किसी का कितना भी नुकसान क्यों न हो जाए। मूर्खों की कोई निश्चित विचारधारा नहीं होती इसीलिए मूर्ख व्यक्ति से ज्ञान की बातें नहीं करना चाहिए  हो सके तो इनसे बचकर निकल जाए। ऐसे व्यक्ति कब अपनी मूर्खता से आपका नुकसान कर दे यह इन्हे भी पता नहीं होता। इसीलिए चाणक्य नीति में ऐसे व्यक्तियों से दूर रहने की सलाह दी है। उसका एक उदाहरण है एक व्यक्ति मैदान के बीचों बीच में अपनी भैंस के लिए खुटा गाड़ रहा था तभी एक सज्जन व्यक्ति ने उसे ऐसा करने से मना किया और कहा कि इस मैदान में बच्चे खेलते है और  कई लोग सुबह टहलते आते है। इसीलिए इस खूंटे से उनको चोट लग सकती है। आप अपना खूंटा मैदान के किनारे गाड़ लीजिए। इस पर मूर्ख व्यक्ति ने कहा कि भाई तुम बात तो सही कह रहे हो खूंटे से लोगो को चोट लग सकती है लेकिन मैं खूंटा यही गडूंगा। इसीलिए मूर्ख व्यक्ति को कुछ समझाना बेकार है इन्हे तो दंड की भाषा ही समझ में आती है। 


2 नकारात्मक व्यक्ति आचार्य चाणक्य ने नाकारात्मक व्यक्ति  व्यक्तियों से दूर रहने को कहा है। नकारात्मक व्यक्ति ऐसे होते लोग हैं कि उनके समक्ष कुछ भी कहो तर्क वितर्क करके उसमें नकारात्मकता ही खोज लेते हैं ऐसे लोगों के मन में संशय, संदेह, दुविधा और डर हमेशा बना रहता है उनके मुंह से हमेशा नकारात्मक बातें ही निकलती रहती है नकारात्मक लोगों की जुबान पर हमेशा नहीं शब्द विराजमान रहता है जैसे यह काम तो हो ही नहीं सकता, वहां जाकर क्या करेंगे ऐसा करने से कुछ हासिल नहीं होगा इस कार्य में कभी सफलता नहीं मिलेगी यदि तुमने यह किया तो तुम बर्बाद हो जाओगे ऐसे हजारों वाक्य है जो नकारात्मक व्यक्ति की जुबान पर होते हैं नकारात्मक लोगों के साथ रहने से आपके भीतर निराशा उदासी और तनाव का विकास होगा और आप खुद को भी जिंदगी में हारे हुए व्यक्ति समझेंगे। नकारात्मक दृष्टिकोण वाले लोग ब्लैक होल जैसे होते हैं जो अचानक हमारे पास आकर हमारी पूरी ऊर्जा खींच लेते हैं हम सकारात्मक बने रहने की कोशिश करते हैं पर उनकी नकारात्मकता हम पर हावी हो जाती है और हम तनाव में हो जाते हैं असुरक्षित महसूस करने लगते हैं इसीलिए नकारात्मक लोगों से हमेशा बचकर रहना चाहिए।

3 दुखी व्यक्ति - आचार्य चाणक्य ने दुखी व्यक्तियों से दूर रहने को कहा है। समाज में बहुत से लोग ऐसे है जो बिना किसी बात के ही दुखी रहते हैं।  ये लोग भगवान के द्वारा बहुत कुछ दिए जाने के बाद भी हमेशा विलाप करते रहते हैं।  दुखी लोगों के साथ रहकर अच्छे भले सुखी लोग भी दुखी हो जाते हैं। हमेशा दुख के बारे में ही सोचते रहना और  बार-बार दुख पर चर्चा करना यही इन लोगो का काम होता है। इन लोगो के साथ रहने से एक दिन आपके जीवन में भी दुख प्रवेश कर जाएगा और आप भी दुखी ही रहेंगे । इसीलिए आचार्य चाणक्य ने इन लोगो से  हमेशा दूर रहने की सलाह दी है अगर आप अपनी भलाई चाहते हैं तो ऐसे लोगों से बहुत सावधान रहे या फिर इन्हें हमेशा के लिए अपनी जिंदगी से दूर कर दें।

4 दुष्ट स्त्री - आचार्य चाणक्य ने दुष्ट स्त्री से भी हमेशा दूर रहने को कहा है। दुष्ट स्त्री का स्वभाव बहुत बुरा होता है। इनके अंदर घमंड भरा हुआ होता है। इनका गुस्सा इनकी नाक पर होता है  ये हमेशा बहुत कटु वचन बोलती है  ये दूसरो से इर्ष्या रखती है और हमेशा दूसरों का नुकसान चाहती है इसीलिए ये स्त्रियां दूसरो का अपमान करने से पहले थोड़ा भी नही सोचती। इन स्त्रियों का चरित्र भी बहुत खराब होता है। इसीलिए चाणक्य का मानना था कि दुष्ट स्त्री से दूर रहने में ही भलाई है अन्यथा आपका मान सम्मान तो जाएगा ही साथ में धन और कीमती समय भी जाता रहेगा।


5 चुगल खोर व्यक्ति -  साथियों आचार्य ने चुगल खोर व्यक्तियो से दूर रहने को कहा है। दोहरे चरित्र वाले ये लोग मीठी बोली और नकली मुस्कान वाले बगुला भगत होते है। ये लोग जलन से भरे हुए होते है। ये लोग आपको अपना प्रतिद्वंदी समझते है इसीलिए ये लोग हमेशा आपके खिलाफ मौके की तलाश में रहते है और जैसे ही इन्हें मौका मिलता है आपका नुकसान कर देते है। इसीलिए आचार्य ने ऐसे लोगो से दूर रहने को कहा है। लेकिन ऐसे लोगो से बचकर रहना आसान नहीं होता यह लोग पहले भाप लेते हैं कि आपको क्या पसंद है और क्या नापसंद है।  फिर आपकी पसंद के अनुसार आपसे तरह तरह की बातें करते हैं। यह लोग हमेशा हंसते मुस्कुराते रहते है साथ ही चापलूसी के कारण सकारात्मक सोच को प्रदर्शित करते हैं दोस्ती करने का यह उनका तरीका बहुत खतरनाक होता है ऐसे लोग बड़ी मासूमियत से आपकी जिंदगी का हिस्सा बनते हैं और आपकी अच्छाई का फायदा उठाते हैं। जब तक आपको होश आता है तब तक यह लोग आपका फायदा उठा चुके होते है। ऐसे लोग दीमक की तरह होते है धीरे धीरे करके आपको पूरी तरह समाप्त कर देंगे। ऐसे लोगो की पहचान के लिए आपको थोड़ा  सजग रहना होगा।  कई बार इनके शब्द भी इनके राज को जाहिर कर देते हैं आप  ऐसे व्यक्तियों को उनकी आंखों में देख कर जान सकते हैं।  जब आप इन्हे पहचान जाए तो इनसे बहुत दूर हो जाए। 

साथियों आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर आप इन पांच लोगो से दूर रहेंगे तो आपकी जीवन यात्रा सुगम होगी और आपका जीवन सफल हो जायेगा। इन लोगो से बचना आसान तो नही होता लेकिन अगर आप वीडियो में बताई गई विधियों का सजगता से उपयोग करेंगे तो आप इन लोगो के जाल से बच सकते है। 

इसी के साथ आज की चर्चा यही समाप्त होती है आज की चर्चा में भाग लेने के लिए आप सभी का धन्यवाद।  भगवान श्री कृष्ण से यही प्रार्थना है कि वह आप सभी साथियों का जीवन खुशियों से भर दे। राधे राधे